
Governor of Maharashtra Bhagat Singh Koshyari And Congress Flag(File Photo)
Highlights
- कोश्यारी कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं: कांग्रेस
- “इनका नाम ‘कोश्यारी’ है, लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी होशियारी नहीं”
- महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने बयान के बाद विवादों में घिर गए हैं
Congress Attacks Governor: कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी को लेकर शनिवार को उन पर निशाना साधा। पार्टी ने आरोप लगाया कि कोश्यारी कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कोश्यारी के बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘इनका नाम ‘कोश्यारी’ है। लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी ‘होशियारी’ नहीं होती। ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं।’’ कांग्रेस ‘हम दो’ शब्दावली का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करने के लिए ज्यादातर करती है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा था कि अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न तो पैसे रहेंगे और न ही वित्तीय राजधानी का तमगा।
महाराष्ट्र और मराठी मानुस का किया अपमान
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान के बाद विवादों में घिर गए हैं। शिवसेना और एमएनएस ने राज्यपाल के इस बयान पर विरोध जताया है। संजय राउत ने कहा-‘राज्यपाल ने जिस तरह की बात कही वो निंदनीय है। महाराष्ट्र की जनता ने मुम्बई के लिए खून पसीना दिया है। हर चीज़ पैसों से नही तौल जाता है। बीजेपी और सीएम को चाहिए कि वह इस तरह के वक्तव्य के लिए उनकी निंदा करे और केंद्र सरकार को उन्हें तुरंत वापस बुलाना चाहिए। वो लगातार विवादित बयान देते हैं और महाराष्ट्र और मराठी मानुस का अपमान करते हैं। अब महाराष्ट्र इसे बर्दाश्त नही करेगा।
नितेश राणे ने किया राज्यपाल कोश्यारी के बयान का समर्थन
नितेश राणे ने राज्यपाल के विवादित बयान पर मचे हंगामे के बाद ट्वीट कर उनके बयान का समर्थन किया। उन्होंने लिखा-‘ राज्यपाल के बयान से किसी का अपमान नहीं हुआ बल्कि समाज में उन लोगों को उनके योगदान का श्रेय उन्हें दिया गया। उनके विरोध में बोलने वाले ये बताएं कि उन्होंने कितने मराठी लोगों को धनवान बनाया? कितने मराठी भाषियों को BMC का कॉन्ट्रैक्ट दिया।’
