विवेक कुमार यादव । ब्युरो । बिहार/झारखंड ।
सौजन्य: कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार
स्थान: भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना ।
पटना: कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, भारतीय नृत्य कला मंदिर और स्पिक मैके के सौजन्य से बुधवार की शाम राजधानी पटना में संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय संगीतमयी संध्या का आयोजन किया गया।
ग्रैमी पुरस्कार विजेता एवं पद्मभूषण सम्मानित प्रख्यात मोहन वीणा वादक पंडित विश्वमोहन भट्ट ने अपनी अनोखी प्रस्तुति से सभागार को सुर-ताल की दिव्य अनुभूति से भर दिया।
🎶 कार्यक्रम की विशेषताएँ:
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें प्रमुख रूप से शामिल रहे:
- श्री प्रणव कुमार, सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग
- श्रीमती रचना पाटिल, भा.प्र.से., निदेशक, पुरातत्व एवं संग्रहालय निदेशालय
- श्रीमती रुबी, भा.प्र.से., निदेशक, सांस्कृतिक कार्य
- श्री अनिल कुमार सिन्हा, सचिव, बिहार संगीत नाटक अकादमी
- सुश्री कहकशाँ, प्रशासी पदाधिकारी, भारतीय नृत्य कला मंदिर
🎵 राग विश्वरंजनी की विशिष्ट प्रस्तुति:
पं. भट्ट ने कार्यक्रम की शुरुआत एक अनोखी रचना राग विश्वरंजनी से की, जिसे उन्होंने दो रागों — मधुबंती और शिवरंजनी — के मिश्रण से निर्मित किया है। उन्होंने कहा कि,
“यह प्रस्तुति पूरी तरह कल्पनाशीलता पर आधारित होगी, जो साधना का परिणाम है और ‘नाद योग’ के माध्यम से ईश्वर से संवाद का माध्यम बनती है।”
🌟 अनूठी संगत और तालियों की गूंज:
कार्यक्रम के दौरान मंच पर उनके साथ उनके सुपुत्र एवं विख्यात सात्विक वीणा वादक पं. सलिल भट्ट उपस्थित रहे। सात्विक वीणा, मोहन वीणा का ही नवाचार है जिसे सलिल भट्ट ने विकसित कर वैश्विक पहचान दिलाई है।
तबला संगत की जिम्मेदारी संभाली श्री अभिषेक मिश्रा ने, जिनकी जुगलबंदी ने प्रस्तुति में गहराई जोड़ दी।
पूरे कार्यक्रम के दौरान सभागार तालियों की गूंज और सुरों की मिठास से झूमता रहा। संगीत प्रेमियों ने इस कार्यक्रम को एक सांगीतिक साधना का अनुभव बताया।
