विवेक कुमार यादव । ब्युरो । बिहार/झारखंड ।
पटना:
बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में कृषि रोड मैप के अंतर्गत फार्म मशीनरी बैंक योजना की स्थापना की जा रही है, जो लघु एवं सीमांत किसानों के लिए खेती-किसानी को सरल, सुलभ और लाभकारी बनाएगी।
डिप्टी सीएम श्री सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत खेती के सभी प्रमुख कार्यों – जुताई, बुआई, रोपाई, कटाई और थ्रेसिंग के लिए जरूरी आधुनिक यंत्रों को समूह आधारित संरचना में उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसानों को समय पर कृषि कार्य करने में मदद मिलेगी और उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “यह योजना आत्मनिर्भर कृषि की ओर एक मजबूत कदम है।”
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना ₹10 लाख की लागत से की जा रही है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा 80% यानी अधिकतम ₹8 लाख तक का अनुदान दिया जा रहा है। यंत्रों का चयन स्थानीय फसल चक्र को ध्यान में रखकर किया जाएगा और हर बैंक में कम से कम एक ट्रैक्टर-चालित या स्वचालित यंत्र होना अनिवार्य होगा।
इस योजना का लाभ जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, एफआईजी, किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह एवं पैक्स को दिया जा रहा है। ये संस्थाएं यंत्रों की सामूहिक उपलब्धता सुनिश्चित कर रही हैं, ताकि अधिकतम किसानों को इसका लाभ मिल सके।
अब तक राज्य में 569 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जा चुके हैं। वर्ष 2025-26 के लिए 38 नए बैंक स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। श्री सिन्हा ने विश्वास जताया कि यह योजना किसानों को नई तकनीकों से जोड़ेगी, उनकी खेती की लागत घटाएगी और आय में वृद्धि करेगी।
🌿 प्रमुख तथ्य एक नजर में (Quick Facts):
- योजना की लागत: ₹10 लाख प्रति यूनिट
- सरकारी अनुदान: 80% तक (अधिकतम ₹8 लाख)
- 569 बैंक पहले ही स्थापित
- FY 2025–26 में 38 और बैंकों की योजना
- लाभार्थी संस्थाएं: SHG, FIG, PACS, FPO, Farmer Clubs आदि
- लक्ष्य: कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना और आय में सुधार
