विवेक कुमार यादव । ब्युरो । बिहार/झारखंड ।
- 3,877 महिला किसानों को मिला ₹22.52 करोड़ का अनुदान, खेतों तक पहुंचा सिंचाई का पानी
बिहार की महिला किसान अब राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को संबल देने में एक अहम भूमिका निभा रही हैं। राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना’ को महिला किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। लघु जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 से अब तक 20,228 किसानों ने इस योजना के तहत ₹115.74 करोड़ के सरकारी अनुदान का लाभ उठाया है, जिनमें 3,877 महिला किसान भी शामिल हैं। इन महिला किसानों को ₹22.52 करोड़ का अनुदान प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा “हर खेत तक सिंचाई का पानी” उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए शुरू की गई इस योजना से महिला सशक्तिकरण और कृषि सुधार दोनों को गति मिल रही है।
🔎 योजना की विशेषताएं:
- योजना का उद्देश्य: असिंचित भूमि को सिंचित बनाना
- लाभार्थी: न्यूनतम 0.40 एकड़ ज़मीन वाले प्रगतिशील किसान
- अनुदान दर:
- सामान्य वर्ग: 50%
- पिछड़ी/अतिपिछड़ी जातियाँ: 70%
- अनुसूचित जाति/जनजाति: 80%
- नियम: जिन किसानों को पहले से किसी विभाग से सहायता मिली हो, वे पात्र नहीं हैं।
- चयन: केवल उन्हीं क्षेत्रों में नलकूप की अनुमति, जो केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा संकटग्रस्त घोषित नहीं हैं।
📍 जल संकट वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
राज्य सरकार ने दक्षिण बिहार के जल संकटग्रस्त जिलों में 21,274 स्थलों की पहचान की है, जहां कृषि भूमि असिंचित है। पहले चरण में 18,747 स्थानों पर निजी नलकूप स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह योजना जल संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार और खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा देती है।
👩🌾 महिला किसानों का योगदान बना प्रेरणा
राज्य की हज़ारों महिला किसानों ने इस योजना में भाग लेकर यह साबित किया है कि वे केवल घर की जिम्मेदारियां ही नहीं निभा रहीं, बल्कि खेत की मेड़ से लेकर सरकार की नीतियों तक—हर मोर्चे पर सक्षम और आगे हैं।
