विवेक कुमार यादव । ब्युरो । बिहार/झारखंड ।
- गुड सेमेरिटन योजना के तहत बिहार में अब तक सैकड़ों लोगों को किया गया सम्मानित, पूर्वी चंपारण अव्वल
अगर आप किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जान बचाने में मदद करते हैं, तो आप न सिर्फ “गुड सेमेरिटन” (अच्छे मददगार) कहलाते हैं, बल्कि बिहार सरकार की तरफ से सम्मान और 10,000 रुपये की नकद राशि भी पाते हैं। सड़क सुरक्षा को लेकर जन-जागरूकता और मदद के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।
🕐 गोल्डन ऑवर में मददगार बनें हीरो
दुर्घटना के पहले एक घंटे को ‘गोल्डन ऑवर’ कहा जाता है, जिसमें अगर घायल को समय पर चिकित्सीय सुविधा मिल जाए, तो उसकी जान बच सकती है। ऐसे समय में जो लोग बिना डर या स्वार्थ के मदद करते हैं, उन्हें राज्य सरकार गुड सेमेरिटन के रूप में पहचानती है और सम्मानित करती है।
🏆 गणतंत्र दिवस पर 84 लोग हुए सम्मानित, मोतिहारी सबसे आगे
इस वर्ष 26 जनवरी 2025 को 84 गुड सेमेरिटन को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया गया, जिनमें से सबसे अधिक 19 लोग पूर्वी चंपारण जिले से थे। इसके बाद अरवल जिले के 8, और अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर और वैशाली के 4-4 नागरिकों को यह सम्मान मिला।
पिछले वर्ष 15 अगस्त को भी 91 अच्छे मददगारों को सम्मानित किया गया था।
📋 कैसे होती है पहचान और चयन?
गुड सेमेरिटन की पहचान दो स्रोतों से होती है:
- अस्पताल द्वारा दी गई पावती रसीद – जब मददगार घायल को अस्पताल पहुंचाता है।
- पुलिस द्वारा दी गई पावती – अगर घटना की जानकारी सीधे पुलिस को दी गई हो।
इन दोनों रसीदों के माध्यम से जिला मूल्यांकन समिति को सूचना भेजी जाती है।
🧾 सम्मान में मिलते हैं:
- ₹10,000 नकद
- प्रमाण पत्र
- मोमेंटो
- शॉल
🏛 समिति करती है अंतिम चयन
गुड सेमेरिटन का चयन जिला स्तरीय समिति करती है जिसमें डीएम, एसपी, सिविल सर्जन और डीटीओ शामिल होते हैं।
