विवेक कुमार यादव । ब्युरो । बिहार /झारखंड ।
पटना:
बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यभर की सड़कों को गड्ढा मुक्त (पॉटलेस) बनाने का संकल्प लिया है। इस योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों में 13,943 सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई लगभग 24,414 किमी है। इसके साथ ही 51 पुराने पुलों का भी सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
इन सड़कों की पहचान उन मार्गों के रूप में की गई है, जिनकी पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि 31 मार्च 2024 तक समाप्त हो चुकी है। जून 2025 तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाएगा, जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में इनकी सतह को पुनः मजबूती प्रदान करने हेतु कालीकरण किया जाएगा।
इस परियोजना पर अनुमानित ₹21,652 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह योजना मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का विस्तारित रूप है, जिसे बिहार कैबिनेट ने 14 नवंबर 2024 को स्वीकृति दी थी।
प्रमुख प्रमंडलों में कार्य योजना इस प्रकार है:
- तिरहुत प्रमंडल: मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर
- सारण प्रमंडल: सारण, सिवान, गोपालगंज
- पूर्णिया प्रमंडल: पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज
- भागलपुर प्रमंडल: भागलपुर, बाँका
- मगध प्रमंडल: गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, अरवल
- दरभंगा प्रमंडल: मधुबनी, समस्तीपुर, दरभंगा
- कोसी प्रमंडल: सुपौल, सहरसा, मधेपुरा
- मुंगेर प्रमंडल: जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, शेखपुरा, मुंगेर, लखीसराय
गुणवत्ता और निगरानी पर खास फोकस
सभी पथों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए 7 वर्षों की अवधि में दो बार कालीकरण किया जाएगा — पहली बार कार्य पूर्ण होने के बाद, और दूसरी बार 4 वर्षों के उपरांत। कार्य में पारदर्शिता और तीव्रता लाने के लिए ठेकेदारों को ‘रूरल रोड रिपेयर व्हीकल’ रखने का निर्देश दिया गया है।
क्या बोले विभाग के अधिकारी?
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि यह योजना बिहार के ग्रामीण इलाकों में आवागमन को सरल और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी प्रयास है। इसके माध्यम से ग्रामीणों को कृषि उत्पादों के परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार तक बेहतर पहुंच मिल सकेगी।
