Highlights
- पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री को मांगनी होगी माफी
- डॉ. राज बहादुर के अपमान पर IMA सख़्त
- डॉ. राज बहादुर ने पद से इस्तीफा दे दिया
Punjab News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्विवद्यालय (BFUHS) के कुलपति को एक अस्पताल के निरीक्षण के दौरान अस्पताल में गंदे गद्दे पर लेटने को कथित तौर पर मजबूर करने के लिए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा की शनिवार को निंदा की। आईएमए ने मंत्री से उनके “दुर्व्यवहार” के लिए बिना शर्त माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की है। आईएमए ने साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से उनके खिलाफ तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की है। आईएमए ने एक बयान में कहा, “आईएमए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री की अपमानजनक कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है, जिन्होंने 29 जुलाई को बीएफयूएचएस के कुलपति डॉ. राज बहादुर को अपमानित किया। यह न केवल कुलपति का अपमान है, बल्कि इससे पूरे भारत में पूरे चिकित्सा बिरादरी का अपमान हुआ है।”
बहादुर ने पद से इस्तीफा दे दिया
पता चला है कि बहादुर ने पद से इस्तीफा दे दिया है और पंजाब के मुख्यमंत्री से उन्हें सेवा से मुक्त करने का अनुरोध किया है। आईएमए ने कहा, “नेताओं द्वारा चिकित्सक समुदाय को अपमानित और परेशान करने की इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। इससे डॉक्टरों को पीड़ा होती है।” एसोसिएशन ने कहा, “आईएमए स्वास्थ्य MMCryptoमंत्री से उनके दुर्व्यवहार के लिए तत्काल बिना शर्त माफी मांगने और इस्तीफे की मांग करता है। आईएमए पंजाब के मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने और मंत्री के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की अपील करता है।”
क्या थी घटना
घटना शुक्रवार की है, जब जौरामाजरा फरीदकोट स्थित गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, जो बीएफयूएचएस के अंतर्गत आता है। इंटरनेट पर वायरल घटना के एक वीडियो में दिख रहा है कि जौरामाजरा अस्पताल के त्वचा विभाग में रखे एक गद्दे की खराब स्थिति की ओर इशारा करते हुए सर्जन बहादुर के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें उसी गद्दे पर लेटने के लिए मजबूर कर रहे हैं। वीडियो में कुलपति स्वास्थ्य मंत्री को समझाते हुए दिखाई दे रहे हैं कि वह इन सुविधाओं के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, जिस पर आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि सब कुछ आपके हाथ में है। हालांकि, घटना के बाद कुलपति ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि वह ऐसे माहौल में काम नहीं कर सकते और उन्हें सेवाओं से मुक्त किया जाए।
कुलपति ने बताया कि मंत्री की ओर से किए गए इस तरह के व्यवहार से वह अपमानित महसूस कर रहे हैं। कुलपति के पद से इस्तीफा देने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री को अपनी पीड़ा व्यक्त की है और कहा है कि मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं।” सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घटना पर कड़ा रुख अपनाया है और जौरामाजरा से बात की है।