संवाददाता: जुगल सिंह सोलंकी । राजस्थान ।
नथावड़ी:
नथावड़ी की पावन धरा पर आयोजित अखंड हरि कीर्तन (खड़ी सप्ताह) का समापन पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद वितरण के साथ श्रद्धा, भक्ति और उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। दिनांक 2 जून से प्रारंभ इस सप्ताहिक आयोजन के अंतिम दिन मंदिर परिसर में हरि भजनों की अनवरत गूंज सुनाई दी, जहां भक्तों ने एक से बढ़कर एक भावपूर्ण भजनों की प्रस्तुति देकर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। राजेन्द्रपुरी गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और स्थानीय कलाकारों ने मंच पर अपनी उपस्थिति से माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। विशेष आकर्षण रहे कुचामनी शैली के प्रसिद्ध गायक उम्मेद खां पादूकलां, जिन्होंने जब मीराबाई का भजन “माता-पिता से मिलकर मीरा चित्रकूट को चाली रे…” प्रस्तुत किया, तो पूरा मंदिर परिसर झूम उठा। उनके साथ-साथ स्थानीय कलाकार पांचापुरी, सुशील भादू, राकेश मेघवंशी, सतपाल पुरी तथा महिला मंडलों की प्रस्तुतियों ने भी खूब सराहना बटोरी। नथावड़ी, पालड़ी, निम्बड़ी, मेवड़ा, बग्गड़, लाम्पोलाई, रलियावता आदि गांवों से आए भजन मंडलों ने भी इस आयोजन में अपनी सहभागिता दी। चारभुजा भजन मंडल एवं ग्रामीणों द्वारा सभी अतिथि भजन मंडलों का अभिनंदन किया गया। मंगला आरती के बाद विद्वान पंडितों के सान्निध्य में पूर्णाहुति हेतु यज्ञ संपन्न हुआ, जिसमें दस जोड़ों ने मंत्रोच्चारण के साथ धार्मिक विधियों को पूर्ण किया। इसके पश्चात सभी श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरित किया गया, जिसमें आसपास के गांवों के भक्तगण भी सम्मिलित हुए। समापन अवसर पर चारभुजानाथ की गाजे-बाजे के साथ भव्य रेवाड़ी निकाली गई, जिसमें ग्रामीण भक्तों ने भावविभोर होकर सहभागिता की। इस भव्य आयोजन में सेवा देने वालों में शंकरलाल भादू, रामस्वरूप पारीक, ओमपुरी, पापूलाल पारीक, राजेन्द्रपुरी, बलदेव चोटिया, पवन वैष्णव, गंगादास, पप्पू भादू, गंगाराम भादू, सुखाराम सैन, रामसुख जांगीड़, रामनिवास चोटिया, भरत जांगीड़, सुरेन्द्रपुरी, राकेश भादू, मेहराम भादू, सोनूपुरी, अशोकपुरी, भूपेंद्र चोटिया, गोपालपुरी, बस्ती भादू, सोहनपुरी, केशाराम बडियासर, शिवकरण सर, आशीषपुरी, पंकजपुरी आदि ने तन-मन-धन से सहयोग किया। आयोजन के सफल समापन ने यह सिद्ध किया कि ग्राम्य भारत की धर्म-परंपराएं आज भी जीवंत हैं और सामूहिक श्रद्धा में अनुपम शक्ति है।
