विवेक कुमार यादव । ब्युरो । बिहार/झारखंड ।
पटना: हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार सरकार में लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को एनडीए सरकार को बदनाम करने से पहले अपने माता-पिता – लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी – के शासनकाल की भयावहता को याद करना चाहिए, जब बिहार में कानून नाम की कोई चीज़ नहीं थी और अपराधी खुलेआम तांडव करते थे।
डॉ. सुमन ने कहा, “अपराध, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं निंदनीय हैं, लेकिन इन घटनाओं को राजनीतिक हथियार बनाना उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है। तेजस्वी यादव जिस तरह हर आपराधिक घटना को लेकर सस्ती राजनीति कर रहे हैं, वह जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा से लेकर आंतरिक कानून-व्यवस्था तक, आज आम नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास कायम हुआ है। “पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के बाद सरकार की कार्रवाई ने आम जनता को भरोसा दिया है कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है,” उन्होंने कहा।
बिहार की बात करते हुए डॉ. सुमन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार की सुशासन नीति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज बिहार में कानून-व्यवस्था सख्ती से लागू है और अपराधी कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के होती है।
मुजफ्फरपुर में हालिया रेप कांड पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से मामले की जांच करा रही है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
डॉ. सुमन ने लालू-राबड़ी शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस दौर में शिल्पी जैन रेप व मर्डर केस और आईएएस अधिकारी की पत्नी चंपा विश्वास बलात्कार कांड जैसी घटनाओं ने बिहार को शर्मसार कर दिया था। “उस वक्त अपराधी कानून को ठेंगे पर रखते थे और आम लोग दहशत में जीते थे। तेजस्वी यादव को आरोप लगाने से पहले उस अंधेरे दौर को एक बार याद करना चाहिए, जब लोगों को घर से बाहर निकलने में डर लगता था,” उन्होंने कहा।
डॉ. सुमन का यह बयान बिहार की वर्तमान राजनीति में बढ़ते आरोप-प्रत्यारोप के बीच सामने आया है, जहां विपक्ष लगातार सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर हमलावर है। ऐसे में यह बयान एक राजनीतिक जवाबी हमला माना जा रहा है, जो आने वाले समय में सियासी गर्मी और बढ़ा सकता है।
