
Controversial Book
Highlights
- इस किताब के लेखक देवानुर महादेव है
- RSS दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवक संगठन है
- बीजेपी के बयान पर लेखक की प्रक्रिया
Controversial Book: RSS के ऊपर एक किताब लिखी गई है इस किताब को लेकर काफी चर्चा किया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि किताब छपते ही बिक जा रही है। मार्केट में आउट ऑफ स्टॉक है। सोशल मीडिया पर इसके पीडीएफ वायरल हो रहे हैं। आखिर इस किताब में क्या है, जिसके कारण लोग काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। इस किताब के बारे में जानते हैं और इस किताब के लेखक कौन है और यह चर्चा में क्यों है?
किताब चर्चा में क्यों है?
यह किताब आर एस एस के खिलाफ लिखी गई है। इस किताब में आर एस एस की कड़ी आलोचना की गई है। आर एस एस के संस्थापक डॉक्टर हेडगवार और एम एस गोलवलकर के लेखों से प्रभावित है। इस किताब में आर एस एस की भर- भर की बुराइयां की गई है। इस किताब की तुलना एक जादूगर से की गई है। किताब में लिखा गया है कि एक जादूगर चिड़िया है जो कि सात समुंदर पार रहती है। जादूगर की आत्मा उसी चिड़िया में बसती है। सरल शब्दों में समझें कि जब तक चिड़िया को नहीं मारा जा सकता है तब तक जादूगर को नहीं मारा जा सकता है। ऐसा ही जेके रॉलिंग लिखी गई किताब में भी लिखी जा चुकी है। हैरी पॉटर सीरीज में दिखाया गया है। विलेन वॉल्डमोर्ट को मारने के लिए सबसे पहले हॉरक्रक्सेज को मरने की आवश्यकता है तब जाकर यह खूंखार विलेन मारा जाएगा।
कौन है इस किताब के लेखक
इस किताब के लेखक देवानुर महादेव है। जो सामाजिक-आर्थिक अन्याय पर काफी लिखते हैं इन्हें कई किताबों के लिए अकादमी अवार्ड मिल चुके हैं। ये बीजेपी और आरएसएस के कट्टर आलोचकों में से एक हैं। यह हमेशा आर एस एस और बी जे पी के खिलाफ लिखते रहते हैं। RSS के ऊपर किताब लिखने के बाद यह काफी चर्चा में है। किताब को लेकर संघ की तरफ से कोई अभी तक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बीजेपी के बयान पर लेखक की प्रक्रिया
बीजेपी ने इस किताब को लेकर बयान दिया है। बयान में बताया गया है कि यह किताब एक कचरा के समान है। बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस इस किताब को छपवा कर लोगों के बीच बांट रही है। और सोशल मीडिया पर इनके कार्यकर्ता पीडीएफ को वायरल कर रहे हैं। बीजेपी के इस बयान के बाद किताब के लेखक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 64 पन्ने की इस किताब में एमएस गोलवलकर और सावरकर के विचारों को उल्लेख किया गया है अगर वह इस किताब को कचरा बता रहे हैं तो क्या सावरकर और गोलवलकर के विचार भी कचरा है।
RSS क्या है?
RSS दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवक संगठन है। जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहा जाता है। इस संगठन में कोई जात-पात नहीं होता है। इस संगठन का उद्देश्य है कि भारत के सनातन संस्कृत के सिद्धातों को मजबुत रखें। इस संगठन की स्थापना 27 सितंबर 1925 को किया गया था इस दिन वियजदशमी का दिन था। डॉ केशव बलिराम हेडगवार द्वारा हिंदु राष्ट्र बनना के लिए और हिंदुओं के लिए ये संगठन बनाया गया।
