रिपोर्ट- कुमार गौरव, भागलपुर
“हीरा प्रसाद हरेंद्र स्मृति सम्मान में अंगजनपद के कवियों ने दी साहित्यिक श्रद्धांजलि”
कवि हीरा प्रसाद हरेंद्र स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए दर्जन भर युवा कवि अंगिका के हीरा थे हीरा हरेंद्र: अमरकांत सिंह अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच एवं अजगैबीनाथ साहित्य मंच सुलतानगंज के संयुक्त तत्वावधान में अंगजनपद के अंगिका भाषा के महाकवि एवं अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के पुर्व महामंत्री दर्जनों पुस्तक के रचयिता हीरा प्र. हरेंद्र के प्रथम पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा व सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अजगैबीनाथ साहित्य मंच के अध्यक्ष भावानंद सिंह प्रशांत ने की ।मुख्य अतिथि के रूप में पटना से पधारे नई धारा के संपादक व हिन्दी विभागाध्यक्ष अरविंद महिला कालेज पटना डा. शिवनारायण थे ।वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. डा. अमरकांत सिंह प्राचार्य मुरारका महाविद्यालय सुलतानगंज , गजलकार अनिरूद्ध सिन्हा मुंगेर, कुलगीतकार अमोद कुमार मिश्रा, गीतकार राजकुमार, त्रिलोकी नाथ दिवाकर, श्री राजेन्द्रराज पुर्व प्राचार्य लखीसराय कालेज, संजीव प्रियदर्शी बुद्धि जीवी मंच बरियारपुर थे । अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में डा. ब्रह्म देव कुमार गोड्डा, प्रकाशसेन प्रीतम बांका, शशिआनंद अलबेला महासचिव प्रगतिशील बुद्धि जीवी साहित्य मंच बरियारपुर, सरयुग पंडित सौम्य, शत्रु आर्य, विकास सिंह गलटी, जय कृष्ण कुमार थे ।
वहीं हीरा प्र. हरेंद्र स्मृति सम्मान अंगिका के ध्वजवाहक नंद किशोर सिंह, खगडिया, शिवकुमार सुमन खगडिया, ज्योतिष कुमार खडगपुर, कुमार गौरव भागलपुर, डा. श्यामसुंदर आर्य, संस्थापक सदस्य अजगैबीनाथ साहित्य मंच सुलतानगंज, सुश्री ट्विंकल, श्री मती बुलबुल कुमारी, संजीव कु . झा, आनंद कुमार, जय कृष्ण कुमार, मधुर मिलन नायक, नम्रता कुमारी को प्रशस्तिपत्र, चादर व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया । इसके बाद महाकवि हीरा प्र. हरेंद्र के सहित्यिक अवदान पर व्यापक चर्चा हुई।जिसमें डा. शिव नारायण संपादक न ई धारा पटना प्राचार्य डा. अमरकांत सिंह,कुलगीतकार अमोद कुमार मिश्रा ,डा. ब्रह्म देव कुमार, ब्रह्म देव नारायण सत्यम, संजीव प्रिरदर्शी, उनके साथी रहे मोहन बाबु व पुत्री बुलबुल कुमारी शामिल थे । मुख्य अतिथि के रूप मे पधारे नई धारा के संपादक डा. शिव नारायण ने हीरा हरेंद्र को अंगजनपद के मूर्धन्य व प्रतिनिधि कवि बताते हुए उन्हें अंगिका के सच्चा प्रहरी बताया जिन्होंने हमारे बीच दर्जनों पुस्तक दी और अंगिका भाषा को व्यापक रूप से समृद्ध किया । वहीं राष्ट्रीय स्तर के गजलकार अनिरुद्ध सिन्हा ने हीरा प्र. हरेंद्र को अंगिका भाषा दधीचि कवि बताया ।मुरारका महाविद्यालय सुलतानगंज के प्राचार्य डा. अमरकांत सिंह ने हीरा प्र. हरेंद्र को अंगजनपद का संत कबीर स्तर के कवि के रूप में रेखांकित किया।वहीं
महासचिव सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने कहा कि हीरा प्र. हरेंद्र हमारे अंग प्रदेश के अंगिका भाषा में विभिन्न विधाओं के प्रतिनिधि कवि थे ।वहीं साहित्यकार भवानंद सिंह प्रशांत ने हीरा प्र. हरेंद्र को अंग की माटी का सच्चा सपूत बताते हुए उन्हें अंगिका भाषा का सर्वकालिक कवि बताया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन अंगिका के महासचिव सुधीर कुमार प्रोग्रामर एवं भावानंद सिंह प्रशांत तथा कवि सम्मेलन का संचालन बरियारपुर से पधारे शायर शशिआनंद अलबेला ने किया ।कार्यक्रम में मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अंगिका कला मंच ब्रह्म देव नारायण सत्यम साथी सुरेश सूर्य प्रकाश सेन प्रीतम, भावानंद सिंह प्रशांत, बालेश्वर कुमार, अजीत शांत, सच्चिदानंद किरण अंजनी शर्मा, प्राणमोहन प्रीतम, कवियत्री उषा किरण साहा, मनीष कुमार गूंज, आदि शामिल थे । इसके बाद कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई जिसमें भागलपुर, बांका, गोड्डा, मुंगेर, बरियारपुर, खगडिया, शेखपुरा, पटना से आए कवि ने अपनी रचनाओं से सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।
