पर्यावरण दिवस विशेष
।। आ जाएगा वसंत ।।
“ रुको रुको इस जंगल को मत काटो भैया।
ऐसा मैं जोरों से चिल्लाया
लेकिन कौन सुने भला ! मेरी बात उल्टे दे मारा मुझे दो लात
वासु कह रहा था कि वह जंगल का है बॉस
और गद्दार बन अधिकारी रहते उनके पास
तो फिर कौन कर सकता है जंगल की रक्षा ?
जब गद्दार बन अधिकारी को मिल जाए भिक्षा!
पत्ते पत्ते बोल रहे थे बस करो अब तुम प्रहार
अन्यथा हो जाएगा नरसंहार लेकिन हमें नरसंहार से बचना होगा
फिर तो वासु से लड़ना ही होगा जिस दिन वासु का होगा अंत
उस दिन से आ जाएगा बसंत। “
शिक्षक जयराम चौधरी ,बांका बिहार